पवारी कविता ......................बाबू मु भी पोरी आए तोरी
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बाबू मु भी पोरी आए तोरी काहे भैया ख लाड करय ।
भैया ल स्कूल भेजय मोखअ काहे ऐतो काम करावय।।
मु घर को सराय पोतार करू है ,चुल्हा चौका मु करू अन भैया ल काहे लाड करय।।
बाबू मु भी पोरी आए तोरी काहे भैया ख लाड करय।
मोरो ब्याहो कर दियो सासु घरअ बी मिलन नी आवत।
यहा सासु ससरा बी मन की करय मु सबकी सुनु है।
बाबू मु भी पोरी आए तोरी काहे भैया ख लाड करय।
मनअ असो का करियो ते मोखअ असो तज दियो।
अन भैया भाभी ल ऐतो प्यार करे माय भी दुलार करय।।
बाबू मु भी पोरी आए तोरी काहे भैया ख लाड करय।।
रचित- अशोक बारंगे (BDN)
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