Saturday, 30 November 2019

अग्निवंशी पँवार

*ना करो निरर्थक वादविवाद!*है लिखा "प्रमर" "परमार" ग्रंथ शिलालेखों पेहै लिखा "पंवार पोंवार" अंग्रेंजी साहित्य मेंहै चल पडा "पवार पोवार" मराठा काल से"नाम" पर क्या रख्खा है निरर्थक वादविवाद में।गये बिखर हम "मालवा""झाड़ी" "भोयर" पट्टी मेंमालवापट्टी के "मालवा-पवार" झाड़ी...