(माँ गढकालीका की आरती
मैय्या करू गुढळली तोरी आरती हो माँ-२
मैय्या आरती माँ बेल फूल चढाऊ वो मोरीमाय-२
हल्दी कुंकू नारीयल धुप दीप कपूरल सजी थार-२
आरती गुढकालीकी-हो मैय्या-आरती गुढ़काली की ।
गाव हरेक पोवार-२ मैय्या करू गुढ़कली तोरी आरती....
ब्रम्हांड की रखवारी तु धारा जुगर ठिकाण-२
राजा भोजला पायव-२तोला बुध्दी अणा ज्ञाब-२
मैय्या करू गुढकाली..
ये धरती को कोना कोना माँ फैल्या जो पोवार
आवी सब तोराच बेटा-२देजो बुध्दी अणा बाब-२
मैय्या करू गुढकाली,
तोरो दरशन का प्यासा बेटा माँ कुरखेत पुकार-२
कर सबकी मनसा पुरी-ओ मैय्या-२
धन्य होये हर पोवार-२ मैय्या करू गुढकाली.
कुलदेवी माय तु आम्हरी-कर देजो माँ उद्वार-२
गेवरी गाऊ मैय्या कमसे वो काली-२
तोरी महिमा से अपार-२ मैय्या करू गढकाली.....
मैय्या करू गुढकाली तोरी आरती हो माँ
जय माँगड़ालीका॥
Very nice
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