Thursday, 3 April 2025

क्षत्रिय पवार की शान

**क्षत्रिय पवार की शान**  

गिरहारे, पराड़कर, वीरों की पहचान,  
खरपुसे, बड़नगरे, शौर्य में महान।  
घाघरे, छेरके, रण में सजे,  
कडवे, पाठे, जो दुश्मन से लड़े।  

डोंगरदिये, धारफोड़, तेज हमारा,  
चौधरी, माटे, स्वाभिमान हमारा।  
फरकाड़े, गाडगे, इतिहास के ध्वज,  
ढोटे, देशमुख, शत्रु के भय।  

खौसी, डिगरसे, जोश से भरे,  
भादे, बारंगा, सत्य के तले।  
राऊत, काटोले, बढ़े हर कदम,  
दुखी, किंकर, कभी ना रुके हम।  

रबडे, कसाई, हैं संग्राम के दीवाने,  
मनमाडे, सवाई, कभी ना झुकाने।  
गोरे, डाला, हों साहस के दर्पण,  
उकार, उघडे, जो करें रण।  

करदाते, करंजकर, जो समर में उतरे,  
कामडी, कालभूत, गर्जना करें।  
कोडले, हिंगवे, विजयी जो ठहरे,  
खपरिये, गाडरे, जोश से भरे।  

गाकरे, गोहिते, धैर्य की मूरत,  
चिकाने, चोपडे, अद्भुत सूरत।  
टोपलें, ढोले, चमकें जैसे तारे,  
ढोबले, डंढारे, ललकारें सारे।  

देवासे, ढोंडी, रण के अभिमानी,  
नाडीतोड, पठाडे, बलिदान के ज्ञानी।  
पिंजारे, बरखाडे, सिंहों की टोली,  
बिरगाडे, बारबोहरे, विजेता की बोली।  

गोंनदिया, बैगने, बोबडे वीर,  
भोभटकर, बुवाड़े, दुश्मन का पीर।  
ठवरी, मुने, हों प्रगति के दूत,  
रमधम, ठुस्सी, करें सत्य का पूत।  

रोडले, लबाड, हों गर्व की छाया,  
लाडके, लोखंडे, पराक्रम की माया।  
सवाई, सरोदे, हजारे के गीत,  
पवारों की गाथा, इतिहास के रीत।  

**पवारों की जय हो, पवारों की शान,  
शौर्य, स्वाभिमान की, गूंजे पहचान!**  

जय क्षत्रिय पवार समाज ✨ 

✍️ राजेश बारंगे पवार 
 📜 माँ ताप्ती शोध संस्थान, मुलताई 📜

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