Wednesday, 13 May 2020

*जितेन्द्र ठाकरे* *+91 9754628304* *बैनगंगा क्षत्रिय पवार समाज भोपाल*

*पवारी कविता शीर्षक*
*"गांव में देखो पोवारी शान"*
भाऊ गा गांव माँ देखो पोवारी शान।
गुडुर/घोड़ो की खासर जासे सनान।
नवोसाल मा तिर सकरात को मौका आयो- 2
अना नवती बहु गिन बाट सेत बान ।
अगा गांव माँ देखो पवारी शान।
जब टूरा अना टुरी देखन ला जासेती ,
जेव सेती सुवारी न भटा भात को पकवान।
अगा गांव में देखो पवारी शान।
बिह्या बरात माँ जासेती त जीव(मन)
भरके देसेत दान,
अना आपरी टुरी को दहेज़ में देसेति गऊ अना अन्न को दान।
अगा गांव में देखो पवारी शान।
अखाडी को तिहार(त्यौहार) आयो, बुलया भज्या कुसुम का बनीन पकवान,
अना नवती बहु,आरती धर धर
माता माय जवार जासेती,
अना नावन ना कोटवारींन ला बाट सेती दान।
अग गांव माँ देख पवारी शान।
रक्षाबंधन में आपरो भाऊ साठी, राखी धर धर आओ सेती।
अना बहिनी ,भाऊ को कलाई पर बांध सेती रक्षाबंधन महान।
गांव माँ देखो पवारी शान।
गांव माँ देखो पवारी शान।
गांव माँ देखो पवारी शान।
*जितेन्द्र ठाकरे*
*+91 9754628304*
*बैनगंगा क्षत्रिय पवार समाज भोपाल*
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*संशोधन आमंत्रित***
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आओ इसे पवार जनमानस की भाषा बनाये। पवारी भोयरी को बढ़ाये
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*निवेदन*
*_एडमिन पैनल_*
*क्षत्रिय पवार समाज INDIA*

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